सार्वजनिक भविष्य कोष ( पीपीएफ) खाता उन लोगो के लिये निवेश का अच्छा विकल्प है, जो लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत करना चाहते हैं | ख़ासकर अपने बच्चों के भविष्य को संवारने और उसे सुरक्षित बनाने के लिये | यह निवेश योजना जोखिम से मुक्त और सुनिश्चित रिटर्न देने वाली होती है | इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि बच्चों के नाम से भी माता -पिता या क़ानूनी अभिवावक पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश कर अच्छा – ख़ासा फण्ड बना सकते हैं | इसके अलावा हर साल आयकर छूट का लाभ भी ले सकते हैं |
अपने बच्चों के भविष्य की चिंता हर माता -पिता को होती है | ऐसे में वे जितनी जल्दी निवेश शुरू कर देंगे, उतना ही बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर होगा | ऐसे में अभिवावक अपने बच्चों के नाम से पीपीएफ खाता खोलकर उनके भविष्य को मज़बूती दे सकते हैं |
पीपीएफ खाता पर हर तीन महीनों में सरकार द्वारा ब्याज दरें घोषित की जाती हैं | पीपीएफ के ज़रिए बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन जुटाना आसान हो जाता है | पीपीएफ खाता बैंक या डाकघर में से कहीं भी एक जगह खोला जा सकता है |
खाता खुलवाने के नियम
पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए नाबालिगों के लिये कोई न्यूनतम आयु सीमा नहीं है | वयस्क और नाबालिग दोनों ही इस खाते को खोलने के लिए पात्र होते है | एक अभिवावक केवल एक ही बच्चे के नाम पर पीपीएफ खाता खुलवा सकता है | अगर किसी के दो बच्चें हैं तो एक नाबालिग बच्चे का खाता माँ और दूसरे बच्चे का खाता पिता खुलवा सकता है | माता – पिता दोनों एक ही बच्चे के नाम पर माइनर पीपीएफ खाता नहीं खुलवा सकते |
कब हस्तांतरित होगा खाता
18 वर्ष की आयु तक बच्चे का खाता अभिवावक ही संचालित कर सकते हैं | बच्चे के 18 वर्ष पूर्ण होने पर खाते की स्थिति बदलने के आवेदन देना होगा, इसके बाद वयस्क हो चुका बच्चा अपना खाता ख़ुद से संचालित कर सकता है | विशेष मामलों में खाते के पाँच साल पूरे होने के बाद इसे बंद कराया जा सकता है | जैसे कि बच्चे के उच्च शिक्षा या किसी बीमारी के इलाज आदि के लिए पैसों की ज़रूरत होने पर |
अधिकतम रक़म जमा करने की तय सीमा
नाबालिग के पीपीएफ खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए जमा किये जा सकते हैं | अगर माता – पिता ने अपने नाम से भी अलग -अलग खाते खुलवा रखें है तो सभी खातों को मिलाकर सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं | यह खाता 15 साल की अवधि के लिए होता है एवं इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है |
पीपीएफ खाते के लाभ
- आंशिक निकासी संभव – पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 साल होती है | खाता खुलवाने के सात साल पूरा होने के बाद जमा राशि में से कुछ पैसा विशेष परिस्थिति के लिए निकला जा सकता है | इसके अलावा खाते से निकली गई राशि करमुक्त होती है |
- समान ब्याज दर – पीपीएफ खाते पर जमा की गई राशि पर सालाना 7.1 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है | बच्चों के खाते पर भी यही ब्याज दर लागू होती है | सरकार हर तिमाही में लघु बचत योजनाओं के लिये ब्याज की दरों में बदलाव करती है |
- माता -पिता को कर में छूट- बच्चों के खाते में जमा कराई गई रक़म पर उसके माता -पिता या अभिवावक अपनी आय पर कर छूट का लाभ ले सकते हैं | यह छूट अधिकतम 1.5 लाख रुपये की होती है, जो आयकर की धारा 80 सी के तहत प्राप्त की जा सकती है |
- लोन सुविधा की सुविधा – नाबालिग के खाते में लोन और आंशिक निकासी जैसे अन्य फ़ायदे मिलते हैं | इसके लिए अभिवावक को यह स्वीकृति पत्र देना होगा कि निकाला जा रहा पैसा नाबालिग के लिए ही निकाला जा रहा है |
- लंबी अवधि पर बड़ा लाभ – अगर कोई व्यक्ति 10 हजार रुपये प्रतिमाह जमा करता है तो 15 साल में 18 लाख रुपये जमा होंगे | 7.10% की दर से 15 साल में 13.56 लाख रुपये ब्याज बनेगा | इस प्रकार बच्चे के नाम से कुल 31.56 लाख रुपये जमा होंगें |
ऐसे खोलें बच्चों का पीपीएफ खाता –
- सबसे पहले अपने नज़दीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक जाना होगा।
- यहाँ पीपीएफ खाता फॉर्म प्राप्त करें। इसमें नाबालिग के बारे में आवश्यक विवरण प्रदान करें ।
- इसके बाद फॉर्म में माँगे गये आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों को संलग्न करना होगा।
- पीपीएफ खाते में 500 रुपये की प्रारम्भिक राशि जमा करें।
- आवेदन फॉर्म की जाँच के बाद बच्चे का खाता खोल दिया जायेगा।
- बच्चे की आयु को प्रमाणित करने के लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र आवश्यक है।
इन बातों का रखें ध्यान –
- एक बच्चे के लिए एक ही पैरेंट खाता खुलवा सकता है और उसे संचालित कर सकता है। ऐसा नहीं हो सकता कि एक बच्चे के लिए माँ और पिता दोनों अलग -अलग खाता खुलवा लें।
- अगर माता – पिता नौकरीपेशा हैं तो वे बच्चे के पीपीएफ खाते पर अलग- अलग आयकर छूट का दावा नहीं कर सकते। माता – पिता अपने और बच्चों के खाते को मिलाकर कुल 1.5 लाख रुपये तक की छूट ले सकते हैं।
- नाबालिग के खाते को संचालित करने वाले माता – पिता में से अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो खाता बंद नहीं होगा और खाता दूसरा अभिवावक संचालित कर सकता है।